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वाराणसी : पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता हेतु भारत विकास परिषद, शिवा शाखा, द्वारा जन्तु विज्ञान विभाग, बीएचयू में सोमवार को विश्व पर्यावरण दिवस समारोह आयोजित किया गया। जिसमें गोष्ठी एवं वृक्षारोपण कार्य संपन्न हुआ।


इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं जंतु विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सिंगरावेल ने प्लास्टिक संकट के समाधान हेतु लोगों को जागरूक किए। प्रो.ए.के. सिंह ने पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण में लोगों को योगदान देने पर विशेष जोर दिए। वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रो. शशि पांडे, नेहा नज,बंटी गुप्ता, शैलजा पांडे , डॉ आर के शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ आर के अस्थाना ने भी विश्व पर्यावरण दिवस पर अपना संबोधन दिए। गंगा हरीतिमा के ब्रांड एंबेसडर अनिल सिंह के साथ सभी लोगों ने मिलकर दोनों विभाग के उद्यान में रेड सावनी , एक्जोरा, रेड प्लूमेरिया, टेकोमा आदि फूल वाले 51 पौधे रोपित किए। इस गोष्ठी में शिवा शाखा से प्रदीप चौरसिया, अखिलेश तिवारी सचिव ,अमरचंद अग्रवाल, कृष्ण काबरा, व अन्य सदस्यगण तथा दोनों विभागों के अध्यापकों एवं सैकड़ों छात्रों ने भाग लिया।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर काशी प्रांत के पर्यावरण प्रकल्प प्रमुख मदन राम चौरसिया ने मानव जीवन में स्वास्थ्य एवं हरित पर्यावरण के महत्त्व के बारे में लोगों को जागरूक किया। इस वर्ष की थीम प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान हेतु प्लास्टिक प्रदूषण के बढ़ते संकट को हल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
हमने सभी को पर्यावरण की चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी प्रकृति, हरित पर्यावरण के साथ अपनी जीवन शैली को संतुलित करने हेतु जागरूक किया।


वाराणसी में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण 92% रोड डस्ट है। शहरी में डस्ट कैपचरिंग एवं वायु प्रदूषण को अवशोषित करने वाले पौधों एवं वृक्षारोपण क्षेत्रों की सीमित उपलब्धता को देखते हुए प्रत्येक लोगों को अपने घर के बाउंड्री वाल एवं भवन के बाहरी दीवाल पर 15 क्रीपर प्रजातियों के पौधों का रोपण करने हेतु प्रेरित किया।
नासा की रिपोर्ट के अनुसार एक व्यक्ति 0.84 kg.शुद्ध O2 प्रतिदिन ग्रहण करता है तथा 306 kg. प्रति वर्ष ग्रहण करता है। एक औसत वृक्ष प्रतिवर्ष 118 kg. O2 छोड़ता है। इस प्रकार एक व्यक्ति के आजीवन श्वांस के लिए दो वृक्षों का संरक्षण आवश्यक है।


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