वाराणसी : देश में निषाद समाज अनुसूचित में है लेकिन उत्तर प्रदेश में पिछली सरकारों ने इन्हें ओबीसी में डाल दिया जो गैर संवैधानिक है। दिल्ली से राम चरित्र निषाद यूपी के मछली शहर सीट से अनुसूचित सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं तो साबित है, निषाद अनुसूचित है। जबकि एमपी सहित कई अन्य जगहों पर निषाद समाज अनुसूचित में शामिल है। उत्तर प्रदेश में हमारा नाम ओबीसी से खारिज किया जाएं एससी में गिनती करने का आदेश जारी कर मेरा नाम ओबीसी में डालना गलत है। ये बातें वाराणसी में कैबिनेट मंत्री डॉक्टर संजय निषाद ने कहा कि राष्ट्रपति ने हमें नोटिफिकेट कर रखा है हम अनुसूचित है। उन्होंने आगे कहा कि धोबी एवं हरिजन समाज के सात उपजाति एससी में शामिल है तो निषाद मछुआरा समाज के उपजाति को अनुसूचित में शामिल किया जाना चाहिए।
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वाराणसी के कबीरचौरा स्थित नागरी नाटक मंडली में मत्स्य उत्पादन
बढ़ाने हेतु मंडलीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें प्रबुद्ध, शैक्षिक, युवा मत्स्य पालक संवाद के तहत लोग शामिल हुए। प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के तौर पर कैबिनेट मंत्री व निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद शामिल हुए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गंगा पुत्र कई सौ सालों तक मुगलों से लड़ते रहें, आजादी के 70 साल बाद भी उनको कोई देखने वाला नहीं था। पहली बार पीएम मोदी ने मत्स्य मंत्रालय केंद्र में अलग किया। इसके तहत 41500 करोड़ रुपया देश के मछुआरों को देकर उनको विकास की धारा में लाने का काम किया।
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संजय निषाद ने बताया कि यूपी में प्रधानमंत्री संपदा योजना के तहत करोड़ों – करोड़ों की योजना लगाई गई है। जो बचे है उनको मुख्यमंत्री संपदा योजना के तहत लाभ पहुंचाया गया है। प्रधानमंत्री ने मछुआरों को किसान कार्ड में जोड़ने का काम किया है। इनको कोई गारंटी नहीं थी। उनको तीन लाख रुपया का किसान क्रेडिट कार्ड से मिलेगा। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने वाली है, 27 प्रतिशत का ग्रोथ है।
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वाराणसी सहित आसपास के कई जिले के कार्यकर्ता शामिल थे। जो कैबिनेट मंत्री संजय निषाद का मोमेंटो एवं फूलमाला से स्वागत किया।