रिपोर्ट – आफ़ताब अंसारी
भदोही। मुहल्ला गोरियाना स्थित आरिफे हक हज़रत शाह वलीउल्लाह रहमतुल्लाह अलैहे के 18वां सालाना उर्स के मौके पर बीती रात जश्ने ग़ौसुल वरा कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कांफ्रेंस का आगाज़ क़ुरआने हकिम की तिलावत से हाफिज अब्दुल माबूद ने की। उसके बाद मद्दाहे खैरुल अनाम स. शाहकारे तरन्नुम कासिम नदीमी, मो0 अवैस रजा, महबूब हनफ़ी, शोएब रजा वारसी, नेहाल हबीबी ने नाते रसूले अकरम पढ़ कर लोगो के दिलो को ताजगी बख्शी।
मेम्बरे नुर पे जलवा अफरोज हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ़्ती मो0 शमसुद्दीन मकराना (राजस्थान) ने इस्लाही तकरीर करते हुए कहा कि ऐ मेरे कौम के जवानों तुम चाहते हो कि मस्जिदें सलामत रहे तो अपने कौम के बच्चों को पढ़ाओ, तुम चाहते हो कि मदरसे सलामत रहे तो अपने कौम के बच्चों को तालीम के रौशनी से आरास्ता करो, तुम चाहते हो कि आने वाले नस्ल मे तुम्हारी कौम जिंदा रहे और मुस्तफ़ा जाने रहमत की नामुस की पहरेदार रहे तो अपने बच्चों को चाय की दुकान पर नही कालेज तक पहुंचाओ ताकि तुम्हारे बच्चे आईएस, आईपीएस, पीपीएस बन जाएं।
तालीम कमेटी कौन बनाएगा, कालेज व यूनिवर्सिटी कौन बनाएगा। मुफ़्ती ने कहा आपस मे बुग्ज़ और किना को अपने दिलो से निकाल कर मुत्तहिद हो जाओ। जब से हमने अपनी अना के मसले ऊपर उठा लिए हमारे घरों के माहौल बद से बदतर हो गए। आज हमारी कई लाख बेटियां गैरो के साथ जाकर उनके माहौल में ढल गई इसके जिमेदार सब हैं हमारे ओलमा, हमारा समाज और हमारे मां बाप हैं इसलिए कि हमने ऐसा माहौल फराहम क्यों नही किया कि मेरी कौम किसी गैर की स्लैबस पढ़ने न जाती हमारे कौम में एक ऐसा पर्दे वाला कालेज बन जाता जहां हमारी बेटियां पर्दे के साथ पढ़ने जाती तो कनिजे फातमा बनकर आती। कहा नामुसे रिसालत पर मर मिटने का जज्बा रखो, जिस दिन यह जज्बा पैदा कर लोगे तो अल्लाह तुम्हारे सीने से डर को खत्म देगा।
आगे कहा जो मुस्तफ़ा के गुलाम बनते है वही जमाने के इमाम बनते हैं। कहा नमाज पढ़ो नबी के वफादार बनो दुनिया झुकती हुई नजर आएगी। हजरत अल्लामा मौलाना अब्दुस्समद ज़ियाई ने भी इस्लाही व गौस पाक की सीरते तैयबा पर रौशनी डालते हुए कहा कि आज हमारा समाज गुमराहियों की दलदल में डूबता हुआ नजर आ रहा है। इसके जिमेदार कोई और नही बल्कि हमारे मां बाप है, इसलिए कि मां बाप ने कभी कुरआन की तिलावत के लिए नही कहा। लेकिन जब आपकी बच्चियां कालेज के प्रोग्राम के लिए कहती है तो उसे तैयार किया जाता है यहूदो, नसारा के रास्ते पर हमारी बेटियां चल रही है।
आपने अपनी बच्चियों को नबी की लाडली बेटी फातमा जहरा की सीरते तैयबा को नही बताया आज आपकी बेटी मजहबे इस्लाम से वाबस्ता नही है इसके जिमेदार सिर्फ आप हैं। आने वाले अपने नस्लो को ज़िंदगी दो नबी के बताए हुए रास्ते को दिखाओ। आपका घर ईमान की खुशबू से महकता हुआ नजर आएगा। मेम्बरे नुर पे जलवा अफ़रोज हाफीज परवेज उर्फ अच्छे मियां, हाफिज अशफ़ाक़ रब्बानी, हाफिज तबरेज़ अहमद, हाफिज फहद अत्तारी आदि लोगो ने स्टेज को ज़ीनत बख्शी।
कांफ्रेंस की नेज़ामत अब्दुल अहद व सदरे जल्सा हज़रत अल्लामा व मौलाना फैसल अशर्फी रहे। वहीं कमेटी के सरपरस्त मेराज खां, शमशाद उर्फ चंदु सिद्दीकी, ज़हीर खां, अरसलान खां, अकबर खां उर्फ बल्ला, अमजद खां, आमिर खां, कासिम खां, ज़ुबैर खां, जुनेद खां, नईम खां, ज़फ़र खां, सैयद मुदस्सिर आदि लोगो ने आए हुए सामेइन का खैर मकदम व शुक्रिया अदा किया।