वाराणसी के राजातालाब एसडीएम कोर्ट में नरउर जीटी रोड़ स्थित भीटा एवं तालाब के चार बीघा जमीन को लेकर इकबाल नारायण बनाम सरकार से मामला चल रहा है। जिसमे राजातालाब एसडीएम कोर्ट ने पूरे मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद एक आदेश जारी किया है। जिसमें नरउर की जमीन को पुराने तरीके से बने रहने के लिए आदेश दिया है।
पूरे मामले में सरकारी वकील विजय कुमार पांडेय ने बताया कि नरउर का मुकदमा है। जिसमें 28.8.2023 को एक आदेश हुआ है,वास्तविक है कि नरउर जीटी रोड पर स्थित चार बीघा है, जो 828 एयर 858 एयर एवं 269 एयर है। यह ग्राम सभा तालाब भीटा की प्रॉपर्टी थी, जिसमें गलत तरीके से नाम चढ़ावा कर कब्जा किया गया था । जिसकी जानकारी होने पर तहसीलदार द्वारा एसडीम के यहां रिपोर्ट प्रेषित किया गया है। जिसमे दोनों पक्षो को सुनकर कागज को अवलोकन कर पूर्व की भांति जो ताला भीटा तो वो पूर्व की भांति 28.8.2023 को कर दिया गया है।
अधिवक्ता विजय कुमार पांडे ने बताया कि वास्तविकता है कि यह मुकदमा उप जिला अधिकारी राजातालाब के न्यायालय में मुकदमा चल रहा था. प्रकरण के बारे में बताते हुए कहा कि 1205 फसली में आराजी नंबर चार और पांच यह जो तालाब और भीटा के खाते में रहा है उससे विभक्त होकर कई बंटा में पड़ गया है। ये भीटा तालाब की प्रॉपर्टी थी इन्होंने चकबन्दी में गलत तरीक़े से आदेश करा लिया था. अदालत में दो आदमी मिलकर एक दावा दाखिल एसडीएम के यहाँ कर दिए। जो दावा दाखिल किया 229 B में इकबाल नारायण वो विपक्ष का नाम विपक्ष के रूप में दिया गया हैं।
जो उसके बाद मित्तल ने दावा दाखिल किया वो नाट प्रेस कर लिए उसी को यह आधार मानते हुए हाईकोर्ट गए हाईकोर्ट में एक आदेश हुआ इनके कब्जा दखल में किसी प्रकार का हस्तक्षेप ना करें । जमीन जो फसली में दर्ज था वह मूल रूप से भीटा तालाब में दर्ज हो गया है।