वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी की अकादमिक समिति तथा ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 में संभावनाओं की खोज विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने की । संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा शामिल थे।
संगोष्ठी में विशेष अतिथि के रूप में एनआईटी प्रयागराज के डायरेक्टर प्रोफेसर रमाशंकर वर्मा रहे। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि मनोज सिन्हा ने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमें बदलाव का माहौल दे रही है। यह एकदम नया समय है, जिसकी वजह से हम दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकते हैं । इस शिक्षा नीति के द्वारा हमें स्वतंत्र चिंतन का मौका दिया गया है। हमारे विश्वविद्यालय को छात्रों के छिपे हुए टैलेंट को पहचानने का कार्य करना चाहिए ।
हमें अपनी शिक्षा व्यवस्था को व्यवहारिक बनाना चाहिए ।हमें उस पद्धति को छोड़ना होगा जो विद्यार्थी के भीतर तनाव पैदा करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इन सभी समस्याओं का समाधान है। यह नीति लोगों को जोड़ने का कार्य कर रही है तोड़ने का नहीं ।यह छात्रों का सर्वांगीण विकास करने में सहायक सिद्ध होगी। विशेष अतिथि के रूप में प्रोफेसर रमाशंकर राम जी ने कहा कि हमें तक्षशिला, नालंदा तथा विक्रमशिला जैसे संस्थान खड़े करने होंगे और नई शिक्षा नीति में वह खासियत है कि वह हमें अपने पुराने वैभव को प्राप्त करा सके।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने कहा की नई शिक्षा नीति के द्वारा हमें अपने ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाना होगा । प्रोफेसर त्यागी ने कहा कि हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि किस तरह से हम अपने ज्ञान परंपरा द्वारा अधिक से अधिक मानव का कल्याण करें ।संगोष्ठी में स्वागत भाषण निदेशक अकादमिक समिति प्रोफेसर बंशीधर पांडे द्वारा दिया गया संगोष्ठी का संचालन डॉक्टर आरती विश्वकर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री हरिश्चंद्र द्वारा दिया गया। इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के सभी अध्यापक अधिकारी तथा महाविद्यालय से आए हुए अन्य शिक्षकगण प्रतिभाग कर रहे है।