वाराणसी । देश में आज रविवार 7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने के कारण वाराणसी के मंदिरों में सूतक काल लगने के कारण लगभग दोपहर 12 बजे के आसपास आरती के बाद कपाट बंद कर दिए गए है। जिसके करना दूर दूर से आएं भक्तों को दर्शन ना हो पाने जाने में निराशा हासिल हुई है। वाराणसी के संकटमोचन, दुर्गा मंदिर, दुर्गविनायक मंदिर, बनकटी हनुमान जी, BHU काशी विश्वनाथ, एवं मणि मंदिर सहित दर्जनों मंदिर के कपाट बंद किए है।
काशी में चंद्र ग्रहण की अवधि रात्रि 9:57 से 1:27 तक निर्धारित है। इस दौरान काशी के प्राचीन धर्म स्थल और पूजन कार्य सूतक के पहले ही संपन्न कर दिए जाएंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर गंगा आरती के अलावा अन्य शिवालय और धार्मिक स्थल भी दोपहर में ही बंद कर दिए गए।
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर विश्व प्रसिद्ध दैनिक गंगा आरती का आयोजन शाम में किया जाता है। रविवार को चंद्र ग्रहण के दिन इसे पूर्व में सूतक की वजह से दोपहर में ही संपन्न कराया जाएगा।
गंगा आरती का समय रविवार दोपहर 12:00 बजे किया गया। यह दिन में होने वाली पांचवीं बार किया गया। वर्तमान में गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से गंगा आरती को छत पर संपन्न कराया जा रहा है. इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर में चंद्र ग्रहण से 2 घंटे पूर्व कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
चंद्र ग्रहण के दिन वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा श्री काल भैरव मंदिर महामृत्युंजय मंदिर दुर्गा मंदिर बड़ा गणेश मंदिर संकठा माता मंदिर के कपाट पूजन के बाद दोपहर 1:00 तक बंद कर दिए गए। सूतक काल की वजह से काशी के मंदिर शाम को नहीं खुलेंगे। अगले दिन से यह सभी मंदिर अपने निर्धारित समय अनुसार भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे।