वाराणसी। महिला शिक्षा की अग्रदूत,भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, माता सावित्रीबाई फुले के जयंती पर आज मौर्य कुशवाहा चेतना मंच द्वारा सावित्रीबाई फुले जयंती व शिक्षक सम्मान समारोह चुरामनपुर मोढैला स्थित निजी लान मे प्रो कमलेश वर्मा के अध्यक्षता मे आयोजित किया गया।जिसमे सावित्रीबाई फुले के संघर्षो को याद किया गया व दर्जनो शिक्षको को सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा सुचिता वर्मा, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, राजकीय महिला महाविद्यालय, औराई, भदोही ने सावित्रीबाई फुले को महिला शिक्षा की अग्रदूत बताते हुये कहा वह पहली शिक्षिका थी जिन्होने महिलाओ को पढ़ाने लिखाने का संकल्प लिया । लड़कियो के पढ़ाने के कारण इन्हे समाज का कड़ा विरोध भी झेलना पड़ा। पढ़ाने जाते समय इनके उपर कभी कचरा व गोबर फेके जाते तो कभी पत्थर भी मारे जाते।
इन्होने अपने पति ज्योतिबा राव फुले के साथ मिलकर अठारह महिला विद्यालय खोला।
विशिष्ट अतिथि लेखराज मौर्य व परशुराम मौर्य ने उन्हे एक महान समाज सुधारक बताते हूए उनके कार्यो को जन जन तक पहुचाने की अपील की।इस मौके पर अनिल मौर्य, नंदलाल मौर्य, विजय मौर्य, राजन, लालबहादुर, संगीता मौर्या, विनीता मौर्या व कंचनलता मौर्या सहित दर्जनो शिक्षक व शिक्षिकाओं को सम्मानित भी किया गया।
समारोह मे आये अतिथियो का स्वागत बबलू मौर्य, मनोज मौर्य, किशन मौर्य ने किया।
इसके पूर्व सभी अतिथियों द्वारा माता सावित्रीबाई फुले के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
समारोह का संचालन मंच के संस्थापक/संयोजक बबलू मौर्य ने किया।समारोह मे प्रमुख रुप से राम शिरोमणि,राम सुरत मौर्य महेंद्र मौर्य आदि लोग मौजूद थे।