वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के समन्वित ग्रामीण विकास केन्द्र में शनिवार को एक भावुक और सौहार्दपूर्ण माहौल के बीच विदाई एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। यह अवसर केन्द्र के वरिष्ठ एवं प्रिय सहयोगी राजनाथ पाल को समर्पित था, जिन्होंने अपने वर्षों के उत्कृष्ट योगदान, ईमानदारी और सेवा-भाव के कारण संस्थान में विशेष पहचान बनाई।
समारोह की शुरुआत पारंपरिक तरीके से हुई, जहाँ सहकर्मियों ने राजनाथ पाल को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम और माल्यार्पण कर सम्मानित किया। पूरे कार्यक्रम के दौरान केन्द्र के कर्मचारियों में एक अलग ही भावनात्मक जुड़ाव देखने को मिला। सहकर्मियों ने राजनाथ के व्यक्तित्व की सादगी, उनकी कार्यकुशलता और अनुशासन की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने न सिर्फ अपनी जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया, बल्कि हमेशा सकारात्मकता और सहयोग की भावना से कार्य किया।
वक्ताओं ने याद किया कि राजनाथ पाल ने अपनी सेवाओं के दौरान केन्द्र की कई गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी निष्ठा और व्यवहारिकता ने हमेशा टीम को प्रेरित किया। साथियों ने बताया कि उनका सरल स्वभाव और मिलनसार व्यक्तित्व उन्हें सभी का प्रिय बनाता है। कई सहकर्मी इस दौरान भावुक भी हुए और उनके साथ बिताए गए यादगार पलों को साझा करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम में डॉ. आलोक कुमार पाण्डेय, भूपेंद्र प्रताप सिंह, आरती विश्वकर्मा, अनिल कुमार भूषण, सतीश वर्मा, रामजी सहित केन्द्र के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि राजनाथ की सेवाएं संस्था के इतिहास में एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में याद की जाएंगी।

समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया और सभी ने आशा व्यक्त की कि राजनाथ पाल भविष्य में भी अपनी ईमानदारी, समर्पण और कार्यकुशलता से नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे। भावनाओं से भरे इस विदाई समारोह ने सभी पर गहरा प्रभाव छोड़ा और संस्थान के पारिवारिक माहौल को और भी मजबूत किया।
