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वाराणसी। बिहार चुनाव में शराब तस्करी करने वाले लोगों का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. वाराणसी पुलिस ने बिहार चुनाव में शराब तस्करी करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. ये पुष्पा फिल्म के स्टाइल से शराब वाराणसी से बिहार ले जाते थे। पुलिस ने बताया कि इन अभियुक्तों का मुख्य सरगना बिहार में है, जबकि वाराणसी के बड़ागांव निवासी व्यक्ति द्वारा मुख्य भूमिका निभाई जा जाती थी. मंडुआडीह पुलिस ने चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र से एक ट्रक में 135 पेटी शराब बरामद किया है. जिसकी अनुमानित कीमत 10 लाख रुपया है. जिसका खुलासा एडीसीपी नीतू कादयान ने किया.

वाराणसी के मण्डुआडीह थाना अंतर्गत बीएलडब्ल्यू चौकी इंचार्ज राज दर्पण तिवारी के नेतृत्व में चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र से एक ट्रक की चेकिंग की गई. चेकिंग के दौरान ट्रक में ऊपर बालू सीमेंट लदा हुआ था. जबकि उसके नीचे शराब था. पुलिस ने जब चेकिंग किया तो कुछ समझ में नहीं आया तो बालू सीमेंट हटाया तो शराब की पेटियां दिखाई दी. जिसके बाद तीनों अभियुक्तों से पूछताछ किया गया तो पता चला कि यह शराब बिहार के रोहतास निवासी संदीप कुमार, मनीष कुमार एवं भभुआ निवासी गुंजन यादव दो तीन बार से शराब सप्लाई कर रहे थे. इस बार शराब तस्करी करते समय पकड़े गए.

एडीसीपी नीतू कादयान ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे बिहार से ट्रक के माध्यम से चुनार आते हैं. चुनार में गिट्टी लादने के बाद ट्रक के साथ आवश्यक परमिट लेकर बनारस पहुँचते हैं. बनारस में वे बाबू नाम के व्यक्ति की मदद से शराब तस्करी होता है. बाबू उर्फ शिव शंकर सेठ बड़ागांव का हिस्ट्रीशीटर है जो कई मुकदमों में वांछित है.

शराब सप्लाई करने का तरीका

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे अपने ट्रकों को मोहनसराय के पास एक ढाबे के बगल स्थित हाटा में लगाते हैं. हाटा की ऊँची दीवार का फायदा उठाकर ट्रक की ट्रॉली के निचले हिस्से में शराब की पेटियां रख दी जाती हैं और ऊपर से गिट्टी लाद दी जाती है. ऐसे में पेटियां दिखाई नहीं देती.

 

माल लादने के बाद ट्रक को औद्योगिक क्षेत्र या आसपास कहीं खड़ा कर दिया जाता है और रात के अंधेरे में वह ट्रक बिहार की तरफ रवाना कर दिया जाता है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने बताया कि वे इस तरीके से लगभग तीन बार माल को छिपाकर बिहार भेज चुके हैं. ट्रक की पहचान बचाने के लिए नंबर प्लेट भी बदल दी जाती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि माल ट्रक मालिक को सौंप दिया जाता है.

गिरफ़्तार करने वाली टीम में उप निरीक्षक राज दर्पण तिवारी, उप निरीक्षक सुरेंद्र कुमार, उप निरीक्षक देवेंद्र कुमार , कांस्टेबल सूर्यभान, कांस्टेबल अविनाश एवं अभ्युदय शामिल थे. डीसीपी ने गिरफ्तार करने वाली टीम प्रशस्ति पत्र एवं ₹25000 का इनाम देने की घोषणा.


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