काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान सामुदायिक चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर सुनील कुमार ने मथुरा में बकरी अनुसंधान केंद्र बंद करने की मांग को लेकर रविवार 21 सितंबर से अनशन करेंगे। अनशन हर रविवार गुरुधाम चौराहा के पास नंदी जी की मूर्ति के पास किया जाएगा। डॉ सुनील ने बताया कि बकरी से नेगेटिव ऊर्जा का संचार होता है, जिसके कारण बकरी अनुसंधान केंद्र को बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसको लेकर कृषि मंत्रालय में पत्राचार किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि बकरी के लिए अलग लोग बना हुआ है।
वाराणसी के सामने घाट स्थित गंगा तट के किनारे BHU चिकित्सा विज्ञान संस्थान के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर सुनील कुमार ने प्रेसवार्ता कर मथुरा में संचालित बकरी अनुसंधान केंद्र की बंद करने की मांग किया। सुनील कुमार ने आगे कहा कि भगवान श्री कृष्ण की धरती मथुरा सनातन धर्म एवं उनके सिद्धांत पर विश्वास रखने वाले व्यक्तियों के लिए एक सकारात्मक ऊर्जा देता है । लोगों में अपार श्रद्धा की भावना भी है। यह सकारात्मक ऊर्जा मथुरा में बकरी पालन, प्रजनन, विचरण से दूषित होती है। जिससे अनेक प्रकार की स्थितियां बनती हैं।
सुनील कुमार ने आगे बताया कि शास्त्र के अनुसार बकरी नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है, इससे हिंसा को बढ़ावा मिलता है । इसीलिए सरकार से हमारी मांग है कि इसको बंद कर इसके देश के विकास के लिए उसे किया जाए।
डॉ सुनील ने कहा कि शास्त्र के अनुसार बकरी नकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है इसीलिए मथुरा में आयोजित बकरी अनुसंधान केंद्र बंद होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मथुरा एक ऐतिहासिक नगरी है, सभी जानते है ये गायों के विचरण, रहन, सहन एवं लीलाओं का शहर है। वहां पर 785 एकड़ में सरकार द्वारा बकरी अनुसंधान केंद्र चलाए जा रहा है।
डॉ सुनील ने आगे कहा कि या भ्रम की स्थिति पैदा करती है, एक ही जगह पर यदि दो विपरीत प्राकृति की ऊर्जाएं होती है तो जनमानस में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। यह किसी साजिश के तहत वहां पर एक नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत वहां पर बैठाया गया है। डॉ सुनील ने आगे कहा कि जो रोग दर एवं मृत्यु दर है उसमें कमी हो, यह तभी संभव है जहां-जहां नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है वह बंद हो।
डॉ सुनील ने कहा कि शास्त्र के अनुसार बकरे का आंख पीला होता है। उन्होंने कहा कि उसे हिरण्याक्ष कहा गया है, जो एक असुर था। नरकासुर का भी वास है। उन्होंने आगे कहा कि भू- लोक अधम जीवों के लोगों का वास नहीं है।