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Varanasi News: काशी में बंगाल की तर्ज पर दुर्गा पूजा का आयोजन होता है. काशी के लगभग हर क्षेत्र में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर भव्य पंडाल बनाए जाते है। हर साल कुछ स्पेशल करने के लिए दुर्गा पूजा पंडाल समितियां कार्य करती है। इसी के तहत वाराणसी में पहली बार भगवान की आराधना करने वाले धूपम् से माता दुर्गा, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, कार्तिक, महिषासुर एवं मां के साड़ी श्रृंगार, आभूषण एवं अस्त्र – शस्त्र बनाए जा रहे हैं। इसमें करीब 200 किलोग्राम धूप का इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले 6 महीने से लगातार मां की प्रतिमा बनाने का कार्य चल रहा है।

22 सितंबर से शुरू होगा नवरात्र

देश में शारदीय नवरात्र पर्व 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। दशहरा पर रावण दहन के बाद समाप्त होगा। वाराणसी के प्रतिष्ठित पूजा पंडाल में मां देवी की अलग-अलग रूपों में प्रतिमा स्थापित की जाएगी। काशी के किसी पंडाल में श्याम खाटू के मंदिर का प्रतिरूप बनाया जा रहा है, कहीं- केदारनाथ तो कहीं मां दुर्गा के द्वारा महिषासुर का इलेक्ट्रिक द्वारा वध करते हुए दिखाया जाएगा। काशी में दुर्गा पूजा देखने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लोग आते हैं और यहां के पंडाल एवं प्रतिमा की प्रशंसा करते हैं। इसे हर साल नए ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूजा पंडाल समितियां द्वारा देश के अलग अलग मंदिरों स्थलों का प्रतिरूप पंडाल के रूप में मनाया जाता है

धूपम् से 10 फीट ऊंची बन रही मां दुर्गा की प्रतिमा

वाराणसी खोजवा निवासी मूर्ति कारीगर शीतल चौरसिया ने बताया कि वाराणसी में पहली बार धूपम् से मां दुर्गा की 10 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा बनाई जा रही है। धूपम् से ही मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, भगवान गणेश, कार्तिक एवं महिषासुर बनाएं जा रहे है। मां का श्रृंगार, आभूषण एवं साड़ी भी धूपम् से बनेगा। यह मूर्ति वाराणसी के केदारघाटी स्थित केदार केदार स्पोर्टिंग क्लब द्वारा बनवाया जा रहा है।

200 किलोग्राम धूपम् का होगा प्रयोग

इसमें करीब 200 किलोग्राम धूप का प्रयोग किया जाएगा। इसे बनाने में 7 से 8 कारीगर लगे हुए हैं, जो पिछले 6 महीने से कार्य कर रहें है। शीतल चौरसिया ने बताया कि वो हर वर्ष मां दुर्गा की अलग अलग चीजें से भव्य प्रतिमा बनाते है। वाराणसी के विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों के लिए लगभग 12 वर्षों से मां दुर्गा की प्रतिमा बनाने का कार्य कर रहे है। हर वर्ष कुछ अलग मां दुर्गा प्रतिमा बनाते हैं, इस वर्ष शीतल चौरसिया धूपम् से मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा बना रहे हैं, जो लगभग 10 फीट ऊंची है।

 

पास्ता चाउमिन एवं पंचमेवा से तैयार कर चुके है प्रतिमा

शीतल चौरसिया ने बताया कि ये प्रतिमा इको फ्रेंडली हैं, ताकि इससे पर्यावरण को कोई नुकसान ना हो।शीतल चौरसिया ने आगे बताया कि इसके पहले तिल का प्रतिमा, पंचमेवा, पास्ता चाउमिन, हवन सामग्री, बालू, तेज पत्ते सहित विभिन्न प्रकार की सामग्री से मां की प्रतिमा बना चुके। उन्होंने कहा कि मां का श्रृंगार सहित अन्य अस्त्र-शास्त्र हम लोग धूपम से बना रहे हैं। इसके लिए रात दिन मेहनत कर रहे हैं.


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