वाराणसी के रोहनिया विधानसभा क्षेत्र स्थित रमना में बाढ़ के पानी के बढ़ते प्रभाव के कारण तटबंध की मांग फिर शुरू हो गई है। रमना में तटबंध न बनने के कारण रमना, टिकरी सहित दर्जनों गांव डूब जाते हैं। जिसके कारण वहां के लोगों को फसल एवं मवेशियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
गंगा तटीय किनारे रमना बसा होने के कारण बाढ़ का प्रभाव इस क्षेत्र में सबसे पहले पड़ता है। यह गांव काफी पुराना भी है। यहां पर अधिकतर लोग कृषि एवं मवेशियों के सहारे जीविकोपार्जन का मुख्य साधन है।
बरसात होने के साथ बाढ़ आने पर इन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मवेशियों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने में काफी दिक्कत भी होती है। इसके कारण स्थानीय नागरिकों द्वारा लगातार तटबंध बनाने की मांग की जा रही है।
काशी विद्यापीठ के ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि प्रवेश पटेल ने बताया कि रमना ग्राम क्षेत्र के कुछ निवासी तटबंध की मांग को लेकर ब्लॉक पर मिलने आए थे। जिससे उनकी बात को सुनकर कहा गया कि इस बात को पत्रक सौंपा कर मांग की जाएगी। प्रवेश पटेल ने आगे कहा कि रमना, तारापुर टिकरी, मुड़ादेव एवं सराय डगरी सहित मंदिर है वहां तक जो भी हो सकें किया जाएं। उन्होंने आगे कहा कि पूरे मामले को लेकर डीएम साहब एवं VDO से चर्चा की गई है. अगर जरूरत पड़ी तो आगे प्रशासन तक बात उठाई जाएगी।