वाराणसी : मणिपुर में जारी हिंसा के बीच महिलाओं के साथ हुए सामूहिक यौन हिंसा के खिलाफ सिगरा स्थित भारत माता मंदिर पर दखल संगठन द्वारा काला दिवस मनाया गया। तथा भारत माता मंदिर से सिगरा थाना, IP मॉल, साजन चौराहा होते हुए सिगरा परिक्षेत्र में प्रतिरोध मार्च निकाला गया। काली पट्टी बांधकर महिलाओं ने प्रतिरोध मार्च में हिस्सा लिया।
दख़ल संस्था के लोगो का कहना है की मणिपुर में पिछले 3 महीनों से आग लगी हुई है और हिंसा जारी है। हिंसा में महिलाओं के साथ हुई बर्बरता ने पूरे देश को शर्मसार किया है। जिसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मणिपुर हिंसा पर चुप्पी की वजह से महिलाओं को लगातार अपमानित होना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री को तत्काल वहां शांति बहाल करने के लिए एक्शन लेना चाहिए था लेकिन वे दूसरे राज्यों का जिक्र करके हिंसाग्रस्त मणिपुर से ध्यान भटकाने की कोशिश किए।
राष्ट्रीय महिला आयोग को सूचना थी कि मणिपुर में महिलाओं का यौन उत्पीडन हो रहा है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। मोदी सरकार ने मणिपुर हिंसा रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जो भी कार्यवाही हुई वह खानापूर्ति साबित हुई।
पिछले 80 दिनों से मणिपुर में हिंसा और आगजनी के बीच सैकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं हुईं इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने दी इसके बावजूद मुख्य्मंत्री अपने पद पर बैठे हुए हैं। उनका इस्तीफ़ा प्रधानमंत्री ने नहीं मांगा। यह कितनी शर्मनाक बात है। असंख्य लोगों के घर और गांव जला दिए गए और कोई इसकी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है।
जिस घटना के कारण पूरे देश के लोगों का सिर नीचा हो रहा है उस घटना पर भी कोई राजनीति कैसे कर सकता है। कुछ घटनाओं की प्रकृति भिन्न होती है। इस नृशंसता की तुलना किसी दूसरी घटना से नहीं की जा सकती। प्रधानमंत्री को संसद में इसका जवाब देना चाहिए।
सभा का संचालन मैत्री ने किया कार्यक्रम में मुख्य रूप से नीति, इंदु, शबनम, सना, रैनी, शिवांगी, मैत्री, अदिति, रंजू, सोना, माला, शर्मिला, कहकशा, रंजू, प्रियंका, सलमा, निहारिका, गोल्डन जन्नत, रजनी, शांति, टीम पीकेएम, अनन्या, नंदलाल, धनंजय, नीरज, विवेक, शांतनु, रणधीर, धीरज, रामधीरज , चंदन पाल जी ,संजीव सिंह, सिस्टर फ्रेंसिका, सिस्टर फ्लोरिन, महेंद्र, राजकुमार, फादर आनंद, फादर मैजू आदि लोग शामिल थे।