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वाराणसी में बंगाल की तर्ज पर दुर्गा पूजा मनाया जाता है. वाराणसी में दुर्गा पूजा का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। शारदीय नवरात्रि में दुर्गा पूजा इस बार वाराणसी में कुछ खास देखने को मिलेगा। मां दुर्गा शेर पर सवार अस्त्र-शस्त्र लिए नजर तो आएगी, लेकिन इस बार मां दुर्गा गोद में घायल जवान की रक्षा करती हुई भी दिखेंगी। यह थीम पहलगाम घटना के बाद आतंकवादियों को नेस्तनाबूत करने के लिए चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तर्ज पर देखने को मिलेगा।

 

जिसमें दर्शाया गया है कि मां भारती की रक्षा करते हुए जवान और जवानों की रक्षा करते हुए आदि शक्ति दुर्गा। मां भगवती जवानों को आशीर्वाद देते हुए दिखाया गया है। जो देखने में भव्य नजर आ रहा है.

वाराणसी में दुर्गा पूजा के प्रतिमा बनाने वाले चौथी पीढ़ी के मूर्ति कलाकार ने अभिजीत विश्वास ने बताया कि वाराणसी में देश का दूसरा स्थान है जहां पर बंगाल की तर्ज पर दुर्गा पूजा मनाया जाता है। हमारे यहां वाराणसी के विभिन्न पंडालों के लिए दुर्गा प्रतिमा बनाएं जाते है। लहरतारा स्थित गोल्ड स्पोर्टिंग क्लब की डिमांड पर ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी थीम प्रतिमा बनाया जा रहा है। जो नवरात्रि के षष्ठमी से पूजा होगी। यह प्रतिमा देश भावना से जुड़ी है। जिसमें दिखाया गया है कि सैनिकों के पीछे भी मां का आशीर्वाद होता है.। इस दुनिया में मां की शक्ति ही सबसे बड़ी शक्ति है।

इस थीम के अनुसार मां आदि शक्ति दुर्गा घायल सैनिक को गोद में लिया है। घायल सैनिक को मां को आशीर्वाद देती दिख रही है। साथ में एक औरत है जिसको मां सिंदूर दान कर रही है। इसमें चार सैनिक दिखाए गए है। यह प्रतिमा 10 फीट ऊंची है. जिसको तीन महीने से बनाया जा रहा है। जो दिन दिन के अंदर बनकर तैयार हो जाएगी।

अभिजीत विश्वास ने कहा कि जब भी मां की प्रतिमा बनाता हूं तो मैं कल्पना करता हूं कि यह कैसा हो सकता है। मां और पिताजी के आशीर्वाद से काम शुरू करते हैं अंतिम रूप आते आते बन जाती है। समय मूर्ति बनाने में 14 मूर्ति कलाकार द्वारा बनाया जाएगा।

 

लहरतारा स्थित गोल्ड स्पोर्टिंग क्लब के अध्यक्ष ओम प्रकाश यादव ने बताया कि 1980 से क्लब की स्थापना की गई है। जिसमें कई प्रकार के थीम पर आधारित मां दुर्गा की पूजा होती है। देश के सैनिकों ने सिंदूर ऑपरेशन कर देश का मान बढ़ाया है। इस बार हम लोगों ने देश एवं सैनिकों को समर्पित दुर्गा पूजा मना रहें है।


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